नवरात्रि में हिंदुओं द्वारा देवी दुर्गा की 9 दिनों तक 9 स्वरूपों में पूजा अर्चना की जाती है तथा सुख शांति की कामना की जाती है।

– नवरात्र के प्रथम दिन मां दुर्गा की शैलपुत्री के स्वरूप में पूजा अर्चना की जाती है।

– पर्वतों के राजा कहे जाने वाले हिमालय के घर पुत्री के रूप में जन्म लेने के कारण माता के स्वरूप को शैलपुत्री कहा जाता है।

– माता शैलपुत्री के हाथ में अस्त्र के रूप में कमल त्रिशूल रहता है।

– मां दुर्गा के इस स्वरूप को स्नेहा, करुणा, धैर्य व इच्छा शक्ति का स्वरूप माना जाता है।

– माता शैलपुत्री का वाहन वृषभ अर्थात बैल है।

– माता का प्रिया भोग हलवा-पुरी व खीर है।

– मां शैलपुत्री को सौभाग्य और शांति का प्रतीक माना जाता है।