इस स्वरूप से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण बातें हैं:

– स्कंदमाता को पद्मासन  देवी के नाम से भी जाना जाता है।

– विवाहित महिला द्वारा नवरात्रि के पांचवें दिन स्कंदमाता की पूजा करने से उसे संतान सुख की प्राप्ति होती है।

– स्कंदमाता को सफेद रंग अत्यंत प्रिय है।

– स्कंदमाता को केला प्रिया है इस कारण माता को केले का भोग लगाना चाहिए।

– माता के इस रूप में उनकी गोद में उनके पुत्र भगवान स्कंद( कार्तिकेय) विराजमान है।

– स्कंदमाता को सूर्य मंडल की अधिष्ठात्री देवी कहा जाता है।

– स्कंदमाता कमल के आसन पर विराजमान होती है इस कारण इन पद्मासन के नाम से भी जाना जाता है।

– भगवान स्कंद  (कुमार कार्तिकेय) की माता होने के कारण दुर्गा माता के इस स्वरूप को स्कंदमाता के नाम से जाना जाता है।