Margashirsha Amavasya 2023: पंचांग के अनुसार कृष्ण पक्ष की आखिरी तिथि अमावस्या होती है। यह तिथि विशेष रूप से पितरो को समर्पित है. अमावस्या के दिन धार्मिक कार्य, पजा-पाठ, जप- तप, पितरों की आत्म शांति के लिए तर्पण, श्रादध व दान करना शुभ होता है. मार्गशीर्ष मास की अमावस्या अगहन अमावस्या भी कही जाती है इस बार यह भौमवती अमावस्या होगी. आइये जानते है। इस साल 2023 में मार्गशीर्ष अमावस्या कब पड़ेगी, पूजा, स्नान-दान, तर्पण का शुभ महूर्त क्या रहेगा और इस दिन लक्ष्मी प्राप्ति के लिए कौन से उपाय करने चाहिए।
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Margashirsha Amavasya 2023 शुभ मुहूर्त
मार्गशीर्ष अमावस्या तिथि 12 दिसम्बर दिन मंगलवार
अमावस्या प्रारम्भ
12 दिसम्बर सुबह 06:24 मिनट
अमावस्या समाप्त
13 दिसम्बर सुबह 05:01 मिनट
स्नान दान व पूजा मुहूर्त
सुबह 05:14 मिनट से सुबह 06:09 मिनट
पित पूजा व तर्पण मुहूर्त
सुबह 11:54 मिनट से दोपहर 12:35 मिनट
Margashirsha Amavasya 2023 विधि
अमावस्या के दिन सुबह स्नान के बाद समस्त देवी देवताओ की आराधना करे इस दिन विशेषकर कृष्ण व शिव पूजन करे और श्री सत्यनारायाण भगवान की पूजा कर कथा सुने. अमावस्या पर शनि पूजन करना बहुत शुभ माना गया है. इसीलिए अमावस्या के दिन पीपल के वृक्ष के नीचे बैठकर शनिदेव का ध्यान व पजा करें पूजा के बाद पीपल के वृक्ष पर मीठे जल की अर्घ्य दे और वृक्ष के नीचे सरसो के तेल का दीपक जला दे. इस दिन शनिदेव के निमित दान करना चाहिए. इस दिन स्नान के बाद पितरों के निमित जल से तर्पण करे इससे पितर प्रसन्न और तृप्त होते हैं.
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Margashirsha Amavasya 2023 उपाय
मंगलवार को पड़ने वाली अमावस्या को मंगलवारी या भौमवती अमावस्या कहते है इस दिन किये गए उपाय धनलाभ कराने वाले होते है. अमावस्या के दिन किसी भी तालाब या नदी में जाकर गेहूं के आटे की गोलियां बनाकर मछलियों को खिलाएं ऐसा करने से पितृ पूर्वज प्रसन्न होकर धनधान्य पूर्ति का आशीर्वाद देते हैं । अमावस्या की शाम किसी लक्ष्मीनारायण मंदिर में जाकर कच्चे अनाज का दान करने से धन आवक के योग बनते है.
मंगलवारी अमावस्या पर शनि मंदिर में शनि प्रतिमा पर तेल चढ़ाकर, काली उड़द, काले तिल, लोहा और काले कपड़े का दान करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती है.
अमावस्या की रात माँ लक्ष्मी का पूजन कर माँ लक्ष्मी के मंत्र “ॐ श्रीं“ का 108 बार जप करने से माँ लक्ष्मी प्रसन्न होती है और जीवन में कभी धन का अभाव नहीं रहता है।