विभिन्न गतिविधियों और शुभ कार्यों पर ध्यान केंद्रित करते हुए, दिवाली के आनंदमय त्योहार की तैयारी चल रही है।

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खुशियों के त्योहार के रूप में जाना जाने वाला दिवाली, शुभ समय के दौरान मां लक्ष्मी की पूजा और अन्य गतिविधियों के साथ मनाया जाता है। इस साल दिवाली 8 शुभ योगों में मनाई जाएगी, जो हर 700 साल में एक बार होने वाली दुर्लभ घटना है।

इस साल दिवाली 12 नवंबर को है, दोपहर 2:30 बजे के बाद अमावस्या शुरू हो जाएगी। शाम को लक्ष्मी पूजा के दौरान पामाच राजयोग बनेगा, साथ ही आयुष्मान सौभाग्य और महालक्ष्मी योग भी बनेगा। इसका मतलब है कि दिवाली आठ महत्वपूर्ण योगों में मनाई जाएगी, एक दुर्लभ घटना जो पिछले 700 वर्षों में नहीं हुई है।

अमावस्या दो दिन पर दीपावली 12 को

सुनील मिश्रा ने बताया कि इस साल अमावस्या दो दिन रहेगी, लेकिन दिवाली 12 तारीख को मनाई जाएगी। चूँकि दिवाली रविवार की रात को पड़ती है, इसलिए उस दिन लक्ष्मी पूजा आयोजित की जाएगी। शास्त्रों में बताया गया है कि अमावस्या के दिन शाम के समय लक्ष्मी पूजा करनी चाहिए।

जानिए 5 राजयोग कौन से होंगे

सुनील मिश्रा ने बताया कि इस साल दिवाली पर हर्ष, उभयचारी कहल, दुर्धरा और गजकेसरी नाम के पांच राजयोग बनेंगे। ये राजयोग बुध, चंद्रमा और बृहस्पति की स्थिति के आधार पर बनेंगे। ऐसा माना जाता है कि गज केसरी योग सम्मान और लाभ लाता है, काहल योग स्थिरता और सफलता लाता है, हर्ष योग संपत्ति, धन और प्रतिष्ठा बढ़ाता है, दुर्धरा योग शांति और शुभता लाता है, और अभयचारी योग वित्तीय समृद्धि बढ़ाता है। साथ ही आयुष्मान, सौभाग्य और महालक्ष्मी योग भी बनेगा।

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