Sakat Chauth 2024 Date: ॐ श्री गणेशाय नमः, आज हम बात करेंगे 2024 में संकट चौथ का व्रत कब रखा जाएगा? पूजा व पारण का मुहूर्त, विधि, चंद्र पूजन का समय व्रत कब और कैसे खोलें? और साथ ही जानेंगे चतुर्थी तिथि कब से कब तक रहेगी?
Whatsapp Group |
Whatsapp Channel |
Telegram channel |
सकट चौथ व्रत 2024| Sakat Chauth 2024 Date
सकट चौथ व्रत माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है। इसे तिलचौथ, माहि चौथ, वक्रतुण्डी चौथ तिलकुटा चौथ आदि कई नामो से जाना जाता है. यह व्रत माताएं संतान की लंबी आयु, अच्छी सेहत और सुख-समृदिध की कामना के लिए करती हैं। इस दिन भगवान गणेश जी का पूजन किया जाता है. आइये जानते है 2024 में Sakat Chauth व्रत कब है पूजा व पारण मुहूर्त, विधि, व्रत कब और कैसे खोले और चतुर्थी तिथि कब से कब तक रहेगी.
सकट चौथ व्रत 2024 – 29 जनवरी सोमवार
![Sakat Chauth 2024 Date : 2024 में सकट चौथ कब है, जानिए तारीख, पूजा विधि](http://chalisayug.com/wp-content/uploads/2024/01/Sakat-Chauth-2024-Date-1024x576.jpg)
चतुर्थी तिथि प्रारम्भ
29 जनवरी प्रातःकाल 06:10 मिनट
चतुर्थी तिथि समाप्त
30 जनवरी प्रातःकाल 08:54 मिनट
सकट चौथ के दिन चन्द्रोदय समय
रात्रि 09:10 मिनट
व्रत का पारण 29 जनवरी की रात चंद्रोदय होने पर चन्द्रमा को अर्घ्य और पूजा के बाद से लेकर अगले दिन प्रातःकाल 08:54 मिनट तक किसी भी समय किया जा सकता है
Sakat Chauth 2024 Time
- सूर्योदय – सुबह 7 बजकर 12 मिनट पर
- सूर्यास्त – शाम 6 बजकर 07 मिनट पर
- ब्रह्म मुहूर्त का समय – सुबह 05:35 से सुबह 06:23 मिनट
- पूजा का अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:17 से 01:01 मिनट
- पूजा का अमृत मुहूर्त – सुबह 11:44 से 01:32 मिनट
- राहुकाल का समय – सुबह 07:30 से सुबह 09:00 बजे तक
ये भी पढ़े : कृष्ण जन्माष्टमी कब है 2024? जानिए दही हांडी और मथुरा की होली की धूम
सकट चौथ पूजा विधि |Sakat Chauth Vrat Puja Vidhi 2024
Sakat Chauth के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नानादि कर हाथ में जल, अक्षत और फूल लेकर व्रत का संकल्प ले. गणेश जी की पूजा दोपहर में करने का विधान है इसीलिए दोपहर की पूजा के शुभ मुहूर्त व शुभ योग में पूजास्थल पर एक चौकी को गंगाजल से शुद्ध कर इसपर साफ पीला या लाल कपड़ा बिछाएं और गणेश जी की मूर्ति चौकी पर विराजमान कर ताम्बे के पात्र में जल कलश भरकर रखे। साथ में संपूर्ण शिव परिवार व माँ लक्ष्मी को प्रतिमा भी स्थापित करें।
अब भगवान गणपति जी के सामने घी का दीपक जलाकर उनका तिलक करें और पीले फूलो की माला से उनका श्रृंगार कर पूजी में उन्हें दुर्वा, तिल, तिल के बने लड्डु, गड, जरूर अर्पित करे. इस दिन पूजा में तिल और गुड़ की चीजें अवस्य शामिल करे. इसके बाद व्रत कथा सुनें या पढ़े. अंत में गणेश जी के मंत्रों का जाप कर आरती कर ले. रात में जब चंद्रमा उदय हो जाय चाँद को जल से अर्घ्य देकर व्रत का पारण करे और व्रत खोले.
चतुर्थी चंद्रोदय पूजन| Chandrodaya Time
चतुर्थी के दिन चंद्र पूजन का खास महत्व है Sakat Chauth व्रत चंद्रमा की पूजा और उन्हें अर्घ्य दिए बगैर ना खोले. Sakat Chauth के दिन रात्रि में चंद्रोदय के समय चंद्रपूजन तैयारी करे. चंद्र पूजन के लिए सबसे पहले चन्द्रमा को कच्चे दूध और चीनी मिले जल का अर्घ्य दे. अर्घ्य देते समय ॐ चन्द्रमासे नमः का जाप करते रहे. अब चन्द्रमा को धूप दीप अर्पित कर तिल व गुड़ का भोग लगाए और उनका आशीर्वाद ले.
Sakat Chauth Vrat क्या खाकर खोले
Sakat Chauth के दिन भगवान गणेश की पजा और व्रत फलदायी होता है. शास्त्रों के अनुसार चतुर्थी व्रत फलाहार करना चाहिए. इस दिन भगवान गणेश के साथ ही चंद्र देव की भी पूजा-अर्चना जरूर करे. बिना चंद्रपूजने के व्रत पूर्ण नहीं होता. चंद्रपूजन के बाद ही यह व्रत खोला जाती है व्रत खोलने के लिए सबसे पहले पूजा में लगाया भोग प्रसाद के रूप में ग्रहण करना चाहिए इसके बाद दूध और शकरकंद खाकर यह व्रत खोलना शुभ होता है.