Guru Pradosh Vrat 2023: आज हम बात करेंगे 2023 में आश्विन शुक्ल प्रदोष व्रत के दिन प्रदोष काल पूजा का शुभ मुहूर्त विधि और साथ ही जानेंगे इस दिन सफलता प्राप्ति के लिए किए जाने वाले एक महा उपाय के बारे में इसलिए आर्टिकल के साथ अंत तक पढ़े ।
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आश्विन, शुक्ल प्रदोष व्रत
Guru Pradosh Vrat 2023: हर माह में दो प्रदोष व्रत आते हैं. एक शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को और दसरा कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को इस समय आश्विन मास का शुक्ल पक्ष चल रहा है आश्विन माह के शुक्ल पक्ष अर्थात आश्विन माह का दूसरा प्रदोष व्रत 26 अक्टूबर दिन गुरुवार को पड़ेगा. गुरुवारे के दिन त्रयोदशी पड़ रही है इसीलिए यह गुरु प्रदोष होगा. यह प्रदोष व्रत ध्रुव और हर्षण योग में आ रहा है जो की बहुत ही शुभ फल देने वाला होगा।
इस दिन अगर आप व्रत कर पाए तो अति उत्तम होगा अन्यथा आप बिना व्रत के कुछ उपाय अवस्य करे ताकि आपको इस खास तिथि का लाभ मिल सके और महादेव प्रसन्न होकर आपकी समस्त इच्छाओ की पूर्ति करे. 2023 में आश्विन शुक्ल प्रदोष व्रत के दिन प्रदोष काल पूजा का शुभ मुहूर्त विधि और गुरु प्रदोष का एक खास उपाय आइये इस लेख के मध्यान से जानते है।
आश्विन शुक्ल प्रदोष 2023 में कब है
प्रदोष व्रत 26, अक्टूबर दिन गुरुवार को रखा जायेगा गुरुवार होने के कारण यह गुरु प्रदोष कहलाएगा. गुरु प्रदोष ‘व्रत करने से शिव पार्वती संग श्री हरी का आशीर्वाद भी आपको प्राप्त होगा।
आश्विन, शुक्ल प्रदोष 2023 शुभ मुहूर्त (Guru Pradosh Vrat 2023 Shubh Muhurat)
अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि प्रारम्भ होगी 26 अक्टूबर सुबह 09:44 मिनट अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि समाप्त होगी 27 अक्टूबर सुबह 06:56 मिनट.
प्रदोष काल में शिव पूजा समय
शाम 05:41 मिनट से रात 08:15 मिनट
पूजा का ब्रह्म मुहूर्त
सुबह 04:56 मिनट से 05:44
पूजा का अभिजीत मुहूर्त मिनट
सुबह 11:48 मिनट से 12:33 मिनट
गुरु प्रदोष व्रत की पूजा विधि
प्रदोष के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें। स्नान करने के बाद घर के मंदिर में दीप जलाये संभव है तो व्रत करें। प्रदोष व्रत की पजा शाम के समय यानि प्रदोष काल में करने की मान्यता है इसीलिए शाम के समय स्वच्छ होकर भगवान भोलेनाथ का पंचामृत यानि की दूध, दही, घी, शक्कर और शहद से अभिषेक करे और फिर पुनः गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक कर और उन्हें उनकी सभी प्रिय चीजे जैसे बिल्वपत्र, चन्दन अक्षत, धतूरा उन्हें अर्पित कर दे।
इस दिन भोलेनाथ के साथ माता पार्वती और भगवान गणेश जी की पूजा भी करें। इस बार यह प्रदोष गुरुवारे के दिन है जो भगवान विष्ण जी की आराधना का भी दिन है इसीलिए भगवान् विष्णु जी की आराधना भी जरूर करनी चाहिए. पजा के समय सफ़ेद चावलों से बनी खीर महादेव को समर्पित करे. शिव पंचाक्षर मन्त्र का जाप करे व्रत कथा पढ़े और अंत में संपूर्ण शिव परिवार की आरती करे भगवान शिव को भोग लगाएं।
प्रदोष व्रत के उपाय
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