दोस्तों, महाभारत में आज तक ऐसी घटनाएँ हुई हैं जो आज तक हमसे छुपाई गई हैं। महाभारत से जुड़े श्राप, आशीर्वाद और वचन के पीछे भी कई सारे रहस्य छिपे हुए हैं। आपको क्या लगता है कि महाभारत का युद्ध समाप्त हो गया? और इसकी कहानी यहीं पर अंत हो गई? असल में महाभारत की कहानी तो युद्ध के बाद ही शुरू होती है? आखिर आज तक अश्वत्थामा क्यों जीवित है? इसके पीछे की असल वजह क्या है? इन सबके पीछे एक बहुत बड़ा कारण है। जिसे शायद ही आप जानते होंगे। विश्व के अन्य लोगों का कहना है की भारत के लोग ही अंधविश्वासी है इन्हें ही लगता है कि Ashwatthama आज तक जीवित है तो हम आपको बताते है ।

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पौराणिक मान्यताएं तथा हमारा विज्ञान

दोस्तो Thailand के लोगों ने अपने राष्ट्रीय ग्रंथ Ramayan को माना है वे भी इन चीजों पर विश्वास करते हैं इसका मतलब क्या वे भी अंधविश्वासी है दोस्तों आज हम जिस Modern World में रहते हैं वो भले ही Science और Technology के field में बहुत आगे निकल चुका है मगर दोस्तों विज्ञान ईश्वर से बड़ा तो नहीं हो सकता है आज हम Twenty-First Century में रहते हैं हाँ मैं मानता हूँ कि आज का ये समय Science Technology का समय है। पर विज्ञान ईश्वर से बड़ा नहीं है। अगर विज्ञान ईश्वर से बड़ा होता तो वो हर एक चीज का पता लगा लेते। जैसे Humans के Body में Organs कैसे Automatically Develop हो जाते हैं। या फिर कैसे किसी organ में जान आ जाती है। दोस्तों इन्हीं सब का पता विज्ञान नहीं लगा पाता है। अगर विज्ञान सब कुछ बता सकता है तो वे हमें बताए कि ग्रहों की उत्पत्ति कैसे हुई।

दोस्तों हम महाभारत के कई सारे ऐसे रहस्यों को आपके सामने पेश करेंगे जिन्हें जानने के बाद आपको काफी कुछ सीखने को मिलेगा।

  1. अश्वत्थामा द्वारा धर्म स्थापना में सहयोग

दोस्तों महाभारत का सबसे पहला रहस्य यह है कि Ashwatthama आज भी जीवित है क्योंकि भगवान श्रीकृष्ण ने उसे युगों-युगों तक भटकते रहने का श्राप दिया था। जब कलयुग के अंत में भगवान कलकी अवतार लेंगे। तब Ashwatthama उनका साथ देंगे धर्म की स्थापना करने में Ashwatthama इतने दिनों से भगवान Kalki का ही इंतजार कर रहा है।

  1. महाभारत में 18 का रहस्य

दूसरा रहस्य जिसे अठारह का रहस्य कहते हैं कि महाभारत युद्ध में अठारह संख्या का बहुत ज्यादा महत्व था। क्योंकि महाभारत की पुस्तक में भी अठारह अध्याय हैं। और श्री कृष्ण ने अर्जुन को कुल अट्ठारह दिनों तक ज्ञान दिया था और अठारह दिनों तक युद्ध चला। और गीता में भी अठारह अध्याय हैं। इस युद्ध के प्रमुख सूत्रधार भी अठारह थे। और युद्ध में कुल अठारह ही योद्धा जीवित बचे थे।

  1. महाभारत का ब्रह्मास्त्र आज का न्यूक्लियर बम

तीसरा रहस्य यह है कि महाभारत के समय भी न्यूक्लियर बॉम्ब और एयर अटैक्स हुआ करते थे। मोहन जोधड़ो की जब खुदाई की गई तो उसमें कुछ कंकाल ऐसे मिले जिनमें रेडिएशन पाया गया था। अब सवाल यह उठता है कि उस समय का ब्रह्मास्त्र जो कि इतना विस्फोटक था, क्या वही परमाणु बम था? क्योंकि जब ब्रह्मास्त्र चलता था, तब वायु  तेज गति से चलने लगती थी। सभी पेड़-पौधे, जीवन, जीव-जंतु सभी तहस-नहस हो जाते थे। तो जरा आप सोचिए कि आज की जो technology है, उससे महाभारत का समय कितना ज्यादा आधुनिक रहा होगा?

  1. महाभारत के युद्ध में विदेशी योद्धा

चौथा रहस्य है महाभारत के युद्ध में कई सारे विदेशी भी शामिल हुए थे। जैसे कि इस युद्ध में यमन, अमेरिका और रोमन देश के योद्धाएँ भी शामिल थे। तो दोस्तों इस हिसाब से हम कह सकते हैं कि महाभारत का जो युद्ध था वो दुनिया का सबसे पहला युद्ध था।

  1. महाभारत के रचयिता का वास्तविक नाम

पांच बार रहस्य में दोस्तों मैं आपसे एक सवाल पूछता हूँ महाभारत किसने लिखी? मुझे मालूम है कि आपका जवाब होगा महर्षि वेदव्यास ने। पर दोस्तों मैं आपको बता दूँ कि यह अधूरा सच है। अब आप पूछोगे क्यों? तो मैं आपको बताता हूँ वेद व्यास कोई नाम नहीं है। ये एक उपाधि है जो वेदों के ज्ञान रखने वालों को दि जाती थी। कृष्ण द्वेपयान से पहले सत्ताईस वेद व्यास हो चुके हैं। जबकि वे खुद अठाईसवें वेद व्यास थे। दोस्तों इस वजह से वो वेद व्यास नहीं बल्कि कृष्ण द्वेपयान वेद व्यास थे।

  1. अर्जुन पुत्र अभिमन्यु की हत्या का करण

छठ रहस्य यह है कि सभीलोग यही जानते हैं कि चक्रव्यूह के अंदर अभिमन्यु की हत्या सात महारथियों ने मिलकर कर दी थी। लेकिन यह सच नहीं है। सच यह है कि अभिमन्यु ने बड़ी बहादुरी से सात में से एक महारथी को मार गिराया था। जिससे क्रोधित होकर दुशासन के बेटे ने अभिमन्यु की हत्या कर दी थी।

तो दोस्तों, क्या आपको भी इन रहस्यों को जानकर काफी कुछ सीखने को मिला? हमें comments में ज़रूर बताएं। तो दोस्तों, भविष्य में ऐसे ही पोस्ट पाने के लिए हमारे पेज को सब्सक्राइब ज़रूर करें। दोस्तों, मिलता हूँ आपसे अगली पोस्ट में एक नए टॉपिक के साथ।

जय श्री राम।

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नमस्कार, मेरा नाम Krishna है, और मैं जयपुर, राजस्थान से हूँ। मैं B.A. की डिग्री है और मेरा शौक है धार्मिक गानों और पूजा-पाठ से जुड़े पोस्ट लिखने का। वेबसाइट पर चालीसा, भजन, आरती, व्रत, त्योहार, जयंती, और उत्स से जुड़े पोस्ट करते हैं। मेरा उद्देश्य धार्मिक ज्ञान को Shared करना और भगवान की भक्ति में लोगों की मदद करना है। धार्मिक संगीत और पूजा मेरे लिए खुशी और शांति का स्रोत हैं। और हमारे Social Media Platform पर हमसे जुड़ सकते हैं। धन्यवाद!

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