Navratri Kanya Pujan 2023: आज हम बात करेंगे नवरात्रि 2023 अष्टमी, नवमी, कन्या पूजन मुहूर्त पारण का समय कलश विसर्जन विधि और साथ ही जानेंगे कन्या पूजन से पहले किए जाने वाले एक जरूरी काम के बारे में।

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Kanya Pujan

आश्विन मास की नवरात्री 24 अक्टूबर मंगलवार के दिन दुर्गा प्रतिमा विसर्जने और दशहरे के साथ ही समाप्त हो जाएगी. नवरात्रि में अष्टमी और नवमी तिथि सबसे खास मानी गयी है अष्टमी को माता महागौरी, नवमी के दिन माँ सिदिधदात्री का पूजन करने के बाद इन तिथियों में कन्या पूजने और हवन आदि किये जाते है मान्यता अनुसार कन्या पूजन (Kanya Pujan) और हवन के बाद ही नवरात्रे पूर्ण माने जाते है. आइये जानते है 2023 में दुर्गा महाअष्टमी, दुर्गा महानवमी कब है, कन्या पूजन के शुभ मुहूर्त क्या है, दुर्गा प्रतिमा विसर्जनपारण की समय और कन्या पूजन से पहले क्या करना शुभ होता है।

दुर्गा महाष्टमी कब है

EventDate
शारदीय नवरात्रि दर्गा अष्टमी22 अक्टूबर दिन रविवार
अष्टमी तिथि प्रारम्भ21 अक्टूबर रात 09:53 मिनट
अष्टमी तिथि समाप्त22 अक्टूबर शाम 07:58 मिनट

उदया तिथि के आधार पर शारदीय नवरात्रि दर्गा अष्टमी 22 अक्टूबर रविवार को होगी।

इस दिन व्रत रखकर माता महागौरी और कुलदेवी की पूजा की जाएगी।

दुर्गा अष्टमी पूजा व कन्या पूजन के मुहूर्त

EventDate
सुबह का मुहूर्तसुबह 07.51 मिनट से सुबह 10.41 मिनट
दोपहर का मुहूर्तदोपहर 01.30 मिनट से दोपहर 02.55 मिनट
शाम का मुहूर्तशाम 05.45 मिनट से रात 08.55 मिनट
संधि काल का मुहूर्तरात 07.35 मिनट से रात 08.22 मिनट

अष्टमी के दिन ये सभी मुहर्त सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त है इनमे से किसी भी मुहर्त में आप कन्या पूजन (Kanya Pujan) कर सकते है।

दुर्गा महानवमी कब है

EventDate
शारदीय नवरात्रि दुर्गा महानवमी23 अक्टूबर दिन सोमवार
नवमी तिथि प्रारम्भ22, अक्टूबर शाम 07:58 मिनट
नवमी तिथि समाप्त23, अक्टूबर शाम 05:44 मिनट

उदया तिथि के आधार पर शारदीय नवरात्रि दुर्गा महानवमी 23 अक्टूबर सोमवार को होगी।

इस दिन व्रत रखकर माता सिद्धिदात्री की पूजा की जाएगी।

नवमी कन्या पूजन मुहूर्त (Navami Kanya Pujun Muhurat)

इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 06 बजकर 26 मिनट से शाम 06 बजकर 44 मिनट तक है। ऐसे में आप 22 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 26 मिनट से पूरे दिन कन्या पूजन (Kanya Pujan) कर सकते हैं।

वही कन्या पूजा के ये कुछ मुहूर्त विशेष रहेंगे।

EventDate
सुबह का मुहूर्तसुबह 06.27 मिनट से सुबह 07.51 मिनट
दोपहर का मुहूर्तदोपहर 1.30 मिनट से दोपहर 02.55 मिनट
शाम का मुहूर्तशाम 04.19 मिनट से राते 07.19 मिनट

कलश विसर्जन विधि

शास्त्रों के अनुसार कलश का जल और कलश में डाली जाने वाली चीजे जैसे सिक्का, अक्षत, सुपारी, हल्दी की गांठ, दूब, आम या अशोक के पत्ते सुख समृद्धि और जीवन में पॉजिटिव एनर्जी लाते है. अष्टमी या नवमी आप जब कन्या पूजन करे कन्या पूजन के बाद माँ भगवती का ध्यान और “ऊं श्रीं श्रीं क्लीं हं” का जाप करते हुए करते हुए मंदिर में स्थापित कलश को दोनों हाथो से सम्मान पूर्वक उठाये और कलश से थोड़ा जल हाथ में लेकर घर के चारो कोनो या दिशाओ में अच्छी तरह से छिड़क ले।

क्योकि कलश के जल में सभी देवी देवताओ का आशीर्वाद होता है जो आपको सुख समृद्धि प्रदान करता है इसके बाद बचे हुए जल, कलावा, अक्षत, आम के पत्ते, डूब को तुलसी के पौधे या अन्य हरे पेड पौधे को अर्पित कर दे. कलश में डली सुपारी, सिक्का, हल्दी को धन रखने के स्थान पर रख दे इससे आपको माँ लक्ष्मी जी का आशीर्वाद और सौभाग्य की प्राप्ति होगी. शास्त्रों के अनुसार नारियल पुण्य प्रतापी कहा जाता है । इसलिए इसके विधि-विधान का ख्याल रखें।

नवरात्रि पारण, दुर्गा विसर्जन मुहूर्त

2023 में शारदीय नवरात्रि व्रत का पारण 24 अक्टूबर दिन मंगलवार को दशमी तिथि के दिन किया जायेगा। शास्त्रों के अनुसार पारण 24 अक्टूबर दिन मंगलवार को सुबह 06.27 मिनट के बाद किया जाएगा।

नवरात्रि का व्रत प्रतिपदा तिथि से नवमी तिथि तक करना सर्वश्रेष्ठ माना जाता है, दुर्गा विसर्जन महूर्त 24 अक्टूबर को सुबह 06:27 मिनेट से सुबह 08:42 मिनट तक का रहेगा।

कन्या पूजन से पहले क्या करे

नवरात्रि की अष्टमी, नवमी का विशेष महत्व है. इस दिन कन्या भोज कराया जाता है. कन्या पूजन (Kanya Pujun) से पहले कुछ विशेष बातों का ख्याल रखे इस दिन सुबह उठकर घर को साफ करें. इसके बाद स्नानादि से निवृत्त होकर पवित्रता के साथ पूरी, चने के साथ मीठा भोजन जरूर बनाएं. केन्याओं को सुबह भोजन के लिए आमंत्रित करें और उन्हें आदर सत्कार के साथ बैठक कर भोज कराएं. कन्या भोजन में 2 साल से लेकर 10 साल के बीच की कन्याएं होनी चाहिए और एक लंगूर को भी भोज के लिए आमंत्रित करे. ध्यान रखे की कन्या भोज से पहले माँ की पूजा कर उन्हें भोग अवश्य ही लगा ले।

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