आज हम बात करेंगे 21 अक्टूबर को नवरात्रि 2023 के सप्तमी तिथि सातवां व्रत देवी कालरात्रि पूजा विधि शुभ मुहूर्त मंत्र, भोग, रंग और साथ ही जानेंगे इस दिन लौंग से किए जाने वाले एक चमत्कारिक उपाय के बारे में
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नवरात्रि सातवां दिन (Maa Kalratri)
![Navratri 2023 Day 7 maa Kalratri Cover Image](http://chalisayug.com/wp-content/uploads/2023/10/Navratri-2023-Day-7-maa-Kalratri.png)
Shardiya Navratri 2023 Day 7 Maa Kalratri: अधिक मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि बहुत खास मानी जाती है इस दिन शारदीय नवरात्रि का सातवां नवरात्री व्रत और सप्तमी तिथि का व्रत किया जाता है नवरात्री के सातवें दिन मां दुर्गा के सातवें स्वरूप देवी कालरात्रि की पूजा होती है. इनका रंग काला और तीन नेत्र हैं. मां कालरात्रि के गले में विद्युत् की अद्भुत माला और हाथों में खड्ग व काँटा है गधा इनका वाहन है. माता का ये रूप भक्तों का हमेशा कल्याण करने वाला हैं. देवी कालरात्रि का एक नाम शुभंकरी भी है। माता कालरात्रि की पूजा से जातक के साहस में वृदिध होती है. आईये जानते है नवरात्रि के सातवें व्रत की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, मंत्र, भोग, रंग और लौंग के कुछ चमत्कारिक उपायों के बारे में।
देवी कालरात्रि शुभ रंग, भोग, फूल
कथाओ के अनुसार मां कालरात्रि की पूजा से साधक की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. मां कालरात्रि की पूजा करके आप कार्यो में विजय प्राप्त करे सकते है. सप्तमी के दिन देवी कालरात्रि को गुड़ का भोग लगाना चाहिए. माँ का पसंदीदा रंग लाल और नीला है और माँ को गुड़हल और रातरानी के पुष्प अर्पित करने से वे जल्दी प्रसन्न होती है माँ की उपासना में आप जो गुड़ भोग स्वरुप रखते है उसका प्रसाद वितरण करे आज के दिन ब्राह्मण को गुड़ दान में देने से माँ की अधभुद कृपा भी आपको प्राप्त होती है।
नवरात्रि सातवां दिन शुभ मुहूर्त
सातवां नवरात्रि व्रत 21 अक्टूबर दिन शनिवार
सप्तमी तिथि शुरू होगी
20 अक्टूबर रात 11:25 मिनट सप्तमी तिथि समाप्त होगी 21 अक्टूबर रात 09:53 मिनट अभिजीत मुहूर्त
सुबह 11:48 मिनट से 12:34 मिनट
अमृत काल मुहूर्त
शाम 03:15 मिनट से शाम 04:48 मिनट ब्रह्म मुहूर्त
सुबह 04:53 मिनट से सुबह 05:41 मिनट
सातवां नवरात्री शुभ योग
नवरात्री के सातवें दिन सुकर्मा योग, और त्रिपुष्कर योग बनेगा. पूजा पाठ और मांगलिक कार्यो के लिए यह योग बहुत ही अच्छा माना जाता है। सुकर्मा योग प्रारम्भ
21 अक्टूबर सुबह 03:02 मिनट से 22 अक्टूबर सुबह 12:36 मिनट तक त्रिपुष्कर योग प्रारम्भ
21 अक्टूबर शाम 07:54 मिनट से 21 अक्टूबर रात 09:53 मिनट तक
देवी कालरात्रि पूजा विधि
नवरात्रि के सातवे दिन सप्तमी को मां कालरात्रि की पूजा के लिए प्रातः स्नान कर लाल या नीले रंग के वस्त्र धारण कर हाथो में फूल लेकर देवी कालरात्रि, का आह्वाहन केरे व्रत का संकल्प ले. माँ के समक्ष घी का दीपक जला ले. मां को उनके प्रिय लाल या नीले रंग के पुष्प अर्पित करें और साथ ही माँ को गुड़ का भोग लगाएं इसके बाद मां के मन्त्र ॐ कालरात्रि दैव्ये नमः का जाप करें इसके बाद दुर्गा सप्तशती का पाठ करें. भोग लगाए गुड़ का प्रसाद घर के सभी लोगो में बांटे और बाकी गुड़ का दान कर दे।
माँ कालरात्रि उपाय
मां कालरात्रि को प्रसन्न करने के लिए सप्तमी की रात्रि माँ के सामने तिल या सरसों के तेल की ज्योत लगाकर काली चालीसा, काली पुराण व संपूर्ण दुर्गा सप्तशती का पाठ करें पूजा में देवी कालरात्रि के मंत्रो का लाल चंदन की माला या रूद्राक्ष की माला से लाल कंबल के आसन पर बैठ कर जाप करे और मात्र एक जोड़ा यानि दो लौंग माँ को समर्पित कर दे. पंजा संपन्न होने के बाद इन लौंग को अपने पास रख ले ये उपाय जीवन में आपको अद्भुद लाभ प्रदान करेगा।
नवरात्रि के सातवें दिन माँ कालरात्रि की पूजा के बाद हनुमानजी की मूर्ति के सामने चमेली के तेल का दीपके जलाएं. इस दीपक में दो लौंग डाल दें. इसके बाद हनुमान और दुर्गा चालिसा का पाठ करें. इस उपाय से सारे रुके काम पूरे होने लगेंगे।
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