नवरात्रि के 9 दिन देवी आदि शक्ति के अलग – अलग रूपों की पूजा होती है माँ के भक्त अपने अपने तरीके से माँ की भक्ति के इन 9 दिनों में माँ की आराधना करते है कुछ लोग 9 दिनों तक फलाहार व्रत करते हैं तो वही कुछ एक समय भोजन ग्रहण कर व्रत करते है कुछ अष्टमी को व्रत का पारण करते है तो वही कुछ नवमी को मान्यताओं के अनुसार नवरात्रि के दौरान 9 दिन पूजा के बाद दशमी पर कलश विसर्जन किया जाता है. आइये जानते है नवरात्रि व्रत कब, कैसे खोलना चाहिए क्या खाकर खोले नवरात्रि व्रत का पारण नवमी या दशमी कब करे ।

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नवरात्रि व्रत का पारण कब करें

नवरात्रि पारण को लेकर अलग-अलग जगहों की अपनी अलग-अलग परंपरा है कुछ लोग नवरात्रि के व्रत का पारण अष्टमी तिथि को करते हैं तो वहीं कुछ लोग नवमी तिथि में माँ सिदिधदात्री की पूजा के बाद कन्या पूजन और हवन कर व्रत का पारण करते हैं बहुत से लोग प्रतिपदा के दिन से लेकर नवमी तिथि, तक परे 9 दिन के व्रत का पालन करते हैं शस्त्रों के अनुसार पारण के लिए नवमी तिथि के अस्त होने से पहले का समय ही सर्वश्रेष्ठ माना गया है साथ ही दशमी तिथि भी नवरात्र पारण के लिए उपयुक्त मानी गई है।

नवरात्रि अष्टमी पारण विधि

जो लोग नवरात्रि व्रत पारण महाष्टमी यानि अष्टमी तिथि पर करते हैं वे सप्तमी तक व्रत रखते है और फिर अष्टमी के दिन प्रातः काल नित्य क्रियाओं से निवृत्त होकर स्नान के बाद अपनी कुलदेवी और माता महागौरी का पूजन कर उन्हें उनकी सभी प्रिय चींजे और उनका प्रिय भोग लगाए. उसके बाद कन्या पूजन करे. कन्या पूजन के बाद प्रसादे ग्रहण कर नवरात्री व्रत का पारणा करे.

नवरात्रि नवमी पारण विधि

महा नवमी तिथि पर नवरात्रि व्रत पारण करने वाले लोगो को इस दिन सुबह प्रातः काल जल्दी उठकर नित्य क्रियाओं से निवृत्त होकर स्नान आदि के बाद मां सिद्धिदात्री की पूजा कर उन्हें भोग लगाना चाहिए। इसके बाद घर में हवन करे. पजा हवन करने के बाद नौ कन्याओं तथा लंगूर को भोजन करवाएं और प्रसाद बांटें। कन्या पूजन के बाद भोग के लिए बनाया प्रसाद ग्रहण कर व्रत खोल सकते हैं।

व्रत का पारण क्या खाकर करे

व्रत का पारण बेहद जरूरी माना गया है नवरात्री के व्रत मनोकामना पूरी करने वाले माने जाते है किसी भी व्रते का पूर्ण फल तभी प्राप्त होता है जब आप व्रत का विधि विधान से पारण करते है धार्मिक मान्यता अनुसार नवरात्रि व्रत का पारण माता के प्रसाद को खाकर ही करना चाहिए. अर्थात कन्या पूजन और हवन आदि के बाद आपने पारण के दिन जो भी भोग माता रानी को लगाया है उसी भोग को प्रसाद के रूप में ग्रहण कर व्रत का पारण करे।

नवरात्रि पारण, दुर्गा विसर्जन मुहूर्त

2023 में शारदीय नवरात्रि व्रत का पारण 24 अक्टूबर दिन मंगलवार को दशमी तिथि के दिन किया जायेगा. शास्त्रों के अनुसार पारण 24 अक्टूबर दिन मंगलवार को सुबह 06.27 मिनट के बाद किया जाएगा।

नवरात्रि का व्रत प्रतिपदा तिथि से नवमी तिथि तक करना सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।

दुर्गा विसर्जन महूर्त 24 अक्टूबर को सुबह 06:27 मिनेट से सुबह 08:42 मिनट तक का रहेगा।

🙏🏻जय माता दी🙏🏻

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