दोस्तों, आपको तो पता ही है कि भगवान शिव को देवों के देव महादेव कहा जाता है। जिस प्रकार इस ब्रह्माण्ड का ना कोई अंत है, ना कोई छोर और ना ही कोई शुरुआत, उसी प्रकार भगवान शिव भी अनादि हैं। संपूर्ण ब्रह्मांड शिव के अंदर समाया हुआ है।
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दोस्तों, कैलाश पर्वत को भगवान शिव का निवास स्थान माना जाता है। यहीं पर देवी सती के शरीर का दायां हाथ गिरा था। दोस्तों, माउंट एवरेस्ट की ऊँचाई 8,848 मीटर है और इस पर्वत पर अनेक लोग चढ़ चुके हैं। जबकि कैलाश पर्वत की ऊँचाई मात्र 6,638 मीटर है, फिर भी इस पर्वत पर आज तक कोई नहीं चढ़ पाया है।
दोस्तों, आज हम इस पोस्ट में कैलाश पर्वत से संबंधित ऐसे तमाम चीजों के बारे में जानेंगे, जिन्हें वैज्ञानिक भी सुलझा नहीं पाए हैं।
कैलाश पर्वत के लिए भारत पर चीन का हमला
दोस्तों, १९६२ में चीन ने भारत पर अचानक से हमला कर दिया था और उसने भारत के कई हिस्सों में अपना कब्जा कर लिया था। Kailash को भी उसने अपने हिस्से में कर लिया था। इस वजह से Kailash पर्वत अब चीन के क्षेत्र में आता है। चीन ने जितनी बार भी Kailash पर्वत पर चढ़ने की कोशिश की है, वह असफल रहा। चीन ने २००१ में फिर से इस पर्वत पर चढ़ने की कोशिश की, इस बार भी वे असफल रहे।
कैलाश पर्वत पर नई ऊर्जा का एहसास
रूस के पर्वतारोही सरगे सिस्टियाकोव ने बताया कि जब मैं Kailash पर्वत के बिलकुल सामने था तब मेरा दिल तेजी से धड़कने लगा। मैं उस पर्वत के बिलकुल सामने था जिस पर आज तक कोई नहीं चढ़ सका और मन में यह ख्याल आने लगा कि मुझे यहाँ और रुकना नहीं चाहिए। फिर जैसे जैसे मैं नीचे आते गया, मेरा मन हल्का होता गया।
कैलाश पर्वत पर बौद्ध की सफल चढ़ाई
दोस्तों, 19वीं और 20वीं सदी के शुरू में कुछ पर्वतारोहियों ने इस पर चढ़ने की कोशिश की और वे अचानक से गायब हो गए। हालांकि कहते हैं कि एक बौद्ध भी जो Kailash पर्वत पर चढ़ने में सफल रहे वहीं इस पवित्र और पर्वत पर जाकर जिंदा वापस लौटने वाले दुनिया के पहले इंसान थे। दोस्तों कहा जाता है कि जिसने कभी भी कोई पाप नहीं किया हो, केवल वही Kailash पर्वत पर चढ़ सकता है।
कैलाश पर्वत की अलौकिक शक्ति
दोस्तों, Kailash पर्वत पर उसके आसपास के वातावरण पर अध्ययन कर रहे वैज्ञानिक जार निकोलाइ रोमनोव और उसके टीम ने Tibet के मंदिरों में धर्म गुरुओं से मुलाकात की। उन्होंने बताया कि Kailash पर्वत के चारों ओर एक अलौकिक शक्ति का प्रवाह होता है। Kailash पर्वत पर दुनिया भर के वैज्ञानिकों ने research की है, इस पर research करने वाले वैज्ञानिकों ने Kailash पर्वत पर चढ़ने को असंभव बताया है।
कैलाश पर्वत की चढ़ाई में अलौकिक शक्तियो द्वारा उत्पन्न रुकावट
इसके अलावा एक अन्य पर्वत आरोही Colonel R. C. Wilson ने बताया कि जैसे ही मुझे लगा कि मैं एक सीधा रास्ते से Kailash पर्वत के शिखर पर चढ़ सकता हूँ, तभी एक भयानक बर्फबारी ने मेरा रास्ता रोक दिया और चढ़ाई को असंभव बना दिया। दोस्तों, हम इसे इत्तेफाक समझे या कोई शक्ति,आखिर जब इस इंसान को वहाँ चढ़ने का रास्ता मिल जाता है तब अचानक से भयानक बर्फबारी होने लगती है और वह रास्ता ही बंद हो जाता है।
नाखून व बालो का तेजी से बढ़ना
दोस्तों, जो भी इस पर्वत पर जाने की कोशिश करता है, उनका दावा है कि उन्होंने अपने शरीर का तेजी से विकास होते देखा है, नाखून और बाल। दोस्तों, आखिर ये तो कोई इत्तेफाक नहीं हो सकता, आखिर अचानक से ऐसा कैसे होने लगता है।
कैलाश पर्वत पर नासा के वैज्ञानिकों का तर्क
दोस्तों, ये दावा किया गया है कि Kailash पर्वत के ऊपर सात तरह के प्रकाश आसमान में चमकती हुई देखी गई है। NASA के वैज्ञानिकों का मानना है कि ऐसा यहाँ चुंबकीय बल के कारण होता होगा।
ओम की आकृति का कैलाश पर बनना
Kailash पर्वत और Manasarovar झील के क्षेत्र में निरंतर ॐ और डमरू के बचने जैसी आवाज आती है। वैज्ञानिक मानते हैं कि ये बर्फ के पिघलने की भी आवाज हो सकती है, चलिए मान भी लेते हैं कि इन सभी के पीछे शायद ये हो सकता है, लेकिन आश्चर्य की बात है कि इस पूरे पर्वत पर प्राकृतिक तौर पर ॐ की आकृति बनी हुई है, ये आकृति यहाँ हर साल पड़ने वाली बर्फ से बनती है।
रूसी डॉक्टर का दावा
दोस्तों, एक रूसी डॉक्टर का यह भी दावा है कि एक शत की खामोशी में पहाड़ के भीतर एक अजीब तरह की फुसफुसाहटों की आवाज सुनाई देती है। उनकी टीम को ऐसा लगा कि इस पर्वत के अंदर कुछ लोग रहते हैं। दोस्तों, इन सभी बातों को हम अनदेखा नहीं कर सकते हैं, अचानक से नाखून और बालों का विकास होने लगता है, और जब कोई इंसान वहाँ पहुँचने वाला ही होता है, तब अचानक से भयानक बर्फ होकर उसका रास्ता बंद हो जाता है।
दोस्तों, मेरा मानना है कि जहाँ स्वयं महादेव हो, वहाँ क्या Science और क्या NASA! दोस्तों, यही सब थे Kailash पर्वत के कुछ Unknown secrets। दोस्तों, अगर आपको आज का यह लेख अच्छा लगा, हमें Support करने के लिए हमारे वेबसाइट को Bookmark जरूर करें। और comments में हर हर महादेव लिखना ना भूलें।
खुश रहें, स्वस्थ रहें।