नवरात्रि 2023 पारण: आज हम बात करेंगे 2023 में कलश विसर्जन कब है? कलश विसर्जन विधि माता की चौकी कब हटाएं? और साथ ही जानेंगे कलश में रखे नारियल का क्या करना चाहिए?
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नवरात्रि 2023 पारण
नवरात्रि 2023 पारण: शारदीय नवरात्रि शक्ति की आराधना का 9 दिनों तक चलने वाला पर्व अब समापन की ओर है हर साल भक्तो को महाष्टमी और महानवमी का बेसब्री से इंतज़ार रहता है क्योकि नवरात्रो की ये दो तिथियां बहुत ही ख़ास मानी जाती है। इन दो तिथियों में कन्या पूजन करने के बाद व्रत का पारण कर माँ का आशीर्वाद लिया जाता है तो आइये जानते है शारदीय नवरात्रि 2023 में कलश विसर्जन कब है, कलश विसर्जन विधि, माता की चौकी कब हटाए और कलश में रखे नारियल का क्या करना चाहिए।
नवरात्रि पारण, दुर्गा विसर्जन मुहूर्त
2023 में शारदीय नवरात्रि व्रत का पारण 24 अक्टूबर दिन मंगलवार को दशमी तिथि के दिन किया जायेगा। शास्त्रों के अनुसार पारण 24 अक्टूबर दिन मंगलवार को सुबह 06.27 मिनट के बाद किया जाएगा।
नवरात्रि का व्रत प्रतिपदा तिथि से नवमी तिथि तक करना सर्वश्रेष्ठ माना जाता है,।
दुर्गा विसर्जन मूहूर्त
24 अक्टूबर को सुबह 06:27 मिनेट से सुबह 08:42 मिनट तक का रहेगा।
माता की चौकी कब हटाए
शास्त्रों के अनुसार नवरात्रि पूरे 9 दिन की होती है इस वजह से माता की चौकी दशमी तिथि के दिन ही हटानी चाहिए. दशमी तिथि के दिन ही दुर्गा विसर्जन करना शुभ माना जाता है नवरात्रि 9 दिनों तक शक्ति की उपासना का पर्व है इसीलिए 9 दिनों के लिए माता को घर में स्थापित कर दशवें दिन विसर्जन करे. ध्यान रखे की माता की चौकी को हटाने और विसर्जन से पहले विधिपूर्वक माता की पूजा करे।
कलश विसर्जन विधि
शास्त्रों में कहा गया है की जिस तरह कलश स्थापना के नियम है उसी तरह कलश विसर्जन भी नियमानुसार ही करना चाहिए कलश विसर्जन से पहले देवी माँ की पूजा कर ऊं श्रीं श्रीं क्लीं हं मंत्र का जाप करते हुए कलश विसर्जन की विधि प्रारम्भ करे. नवरात्रि के दौरान हुई भूल के लिए क्षमा प्राथना करे और ऊपर दिए मंत्र की जाप करते हुए कलश को ससम्मान पूर्वक उठाये कलश का जल पहले अपने ऊपर छिड़कें और फिर घर के सभी सदस्यों पर छिड़के इसके बाद कलश का जल घर के चारों कोनों पर छिड़कें कलश में पड़े सिक्के को तिजोरी में रख दे और बाकी बचा जल तुलसी के पौधे पर चढ़ा दें। कलश पर बंधा कलावा खोलकर स्वयं धारण करे या किसी पौधे की जड़ में रख दे।
कलश के नारियल का क्या करे
कलश के ऊपर रखे नारियल को श्रीफल कहा जाता है श्री का अर्थ लक्ष्मी होता है और श्रीफल को लक्ष्मी का फल कहा जाता है कहते है की इस पर माता की विशेष कृपा और आपके 9 दिनों की तपस्या का फल होता है ऐसा माना जाता है कि नवरात्रि के उपरांत अगर इस नारियल को लाल कपड़े में लपेटकर आप पूजा स्थल पर रख देते हैं, तो यह आपके लिए विशेषतौर पर फलदायी साबित होता है. इसके अलावा नवरात्रि के बाद इस नारियल को पानी में विसर्जित भी किया जा सकता है लेकिन कहते है की अगर इसे आप प्रसाद के रूप में खुद ग्रहण कर इसका प्रसाद बांटते है तो आपको इसके चमत्कारिक लाभ मिलते है।
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