वैदिक ज्योतिष और पौराणिक कथाओं के अनुसार, श्री कुबेर धन के देवता के रूप में जाने जाते हैं। उन्हें धन की प्राप्ति और आर्थिक समृद्धि के प्रमुख देवता माना जाता है। श्री कुबेर चालीसा (Shree Kuber Chalisa) एक पूजनीय पाठ है जिसे चालीसा के रूप में जाना जाता है। इस चालीसा के पाठ से आर्थिक समृद्धि की प्राप्ति के लिए प्रार्थना की जाती है।

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श्री कुबेर चालीसा (Shree Kuber Chalisa) का महत्व

धन के देवता कुबेर

श्री कुबेर को हिन्दू मिथकों में धन के देवता के रूप में जाना जाता है। उनकी पूजा से आर्थिक समृद्धि में वृद्धि होने की मान्यता है।

श्री कुबेर चालीसा (Shree Kuber Chalisa) का पाठ

श्री कुबेर चालीसा (Shree Kuber Chalisa) को पाठ करने से आर्थिक परेशानियों का निवारण हो सकता है और धन की प्राप्ति हो सकती है। इस चालीसा में श्री कुबेर की प्रशंसा और प्रार्थना की गई है जो व्यक्ति को आर्थिक समृद्धि की ओर प्रोत्साहित करती है।

धन की प्राप्ति के लिए उपाय

  • पाठ करें: श्री कुबेर चालीसा (Shree Kuber Chalisa) का नियमित पाठ करने से आर्थिक समृद्धि की प्राप्ति हो सकती है।
  • धार्मिक कर्म करें: धार्मिक कर्मों को नियमित रूप से करने से धन में वृद्धि हो सकती है।
  • योग्यता और मेहनत: अपनी योग्यता के आधार पर मेहनत करके आर्थिक सफलता प्राप्त करने का प्रयास करें।

श्री कुबेर चालीसा (Shree Kuber Chalisa) का महत्वपूर्ण संदेश

श्री कुबेर चालीसा न केवल आर्थिक समृद्धि की प्राप्ति में मदद करती है, बल्कि यह हमें धन की महत्वपूर्णता के साथ-साथ योगदान करती है कि धन को सही तरीके से प्रयोग करना चाहिए।

श्री कुबेर चालीसा (Shree Kuber Chalisa) का पाठ कैसे करें

श्री कुबेर चालीसा (Shree Kuber Chalisa) का पाठ करने से पहले, आपको एक शांतिपूर्वक वातावरण में बैठकर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। अपने मन को शुद्ध करके, चालीसा के पाठ को ध्यान से करें और उसके अर्थ को समझने का प्रयास करें। आप चाहें तो पाठ के बाद एक छोटे से प्रार्थना या ध्यान सत्र को भी शामिल कर सकते हैं।

श्री कुबेर चालीसा (Shree Kuber Chalisa)

॥ दोहा ॥

जैसे अटल हिमालय और जैसे अडिग सुमेर ।
ऐसे ही स्वर्ग द्वार पै, अविचल खड़े कुबेर ॥

विघ्न हरण मंगल करण, सुनो शरणागत की टेर ।
भक्त हेतु वितरण करो, धन माया के ढ़ेर ॥

॥ चौपाई ॥

जै जै जै श्री कुबेर भण्डारी ।
धन माया के तुम अधिकारी ॥

तप तेज पुंज निर्भय भय हारी ।
पवन वेग सम सम तनु बलधारी ॥

स्वर्ग द्वार की करें पहरे दारी ।
सेवक इंद्र देव के आज्ञाकारी ॥

यक्ष यक्षणी की है सेना भारी ।
सेनापति बने युद्ध में धनुधारी ॥

महा योद्धा बन शस्त्र धारैं ।
युद्ध करैं शत्रु को मारैं ॥

सदा विजयी कभी ना हारैं ।
भगत जनों के संकट टारैं ॥

प्रपितामह हैं स्वयं विधाता ।
पुलिस्ता वंश के जन्म विख्याता ॥

विश्रवा पिता इडविडा जी माता ।
विभीषण भगत आपके भ्राता ॥

शिव चरणों में जब ध्यान लगाया ।
घोर तपस्या करी तन को सुखाया ॥

शिव वरदान मिले देवत्य पाया ।
अमृत पान करी अमर हुई काया ॥

धर्म ध्वजा सदा लिए हाथ में ।
देवी देवता सब फिरैं साथ में ॥

पीताम्बर वस्त्र पहने गात में ।
बल शक्ति पूरी यक्ष जात में ॥

स्वर्ण सिंहासन आप विराजैं ।
त्रिशूल गदा हाथ में साजैं ॥

शंख मृदंग नगारे बाजैं ।
गंधर्व राग मधुर स्वर गाजैं ॥

चौंसठ योगनी मंगल गावैं ।
ऋद्धि सिद्धि नित भोग लगावैं ॥

दास दासनी सिर छत्र फिरावैं ।
यक्ष यक्षणी मिल चंवर ढूलावैं ॥

ऋषियों में जैसे परशुराम बली हैं ।
देवन्ह में जैसे हनुमान बली हैं ॥

पुरुषोंमें जैसे भीम बली हैं ।
यक्षों में ऐसे ही कुबेर बली हैं ॥

भगतों में जैसे प्रहलाद बड़े हैं ।
पक्षियों में जैसे गरुड़ बड़े हैं ॥

नागों में जैसे शेष बड़े हैं ।
वैसे ही भगत कुबेर बड़े हैं ॥

कांधे धनुष हाथ में भाला ।
गले फूलों की पहनी माला ॥

स्वर्ण मुकुट अरु देह विशाला ।
दूर दूर तक होए उजाला ॥

कुबेर देव को जो मन में धारे ।
सदा विजय हो कभी न हारे ।

बिगड़े काम बन जाएं सारे ।
अन्न धन के रहें भरे भण्डारे ॥

कुबेर गरीब को आप उभारैं ।
कुबेर कर्ज को शीघ्र उतारैं ॥

कुबेर भगत के संकट टारैं ।
कुबेर शत्रु को क्षण में मारैं ॥

शीघ्र धनी जो होना चाहे ।
क्युं नहीं यक्ष कुबेर मनाएं ॥

यह पाठ जो पढ़े पढ़ाएं ।
दिन दुगना व्यापार बढ़ाएं ॥

भूत प्रेत को कुबेर भगावैं ।
अड़े काम को कुबेर बनावैं ॥

रोग शोक को कुबेर नशावैं ।
कलंक कोढ़ को कुबेर हटावैं ॥

कुबेर चढ़े को और चढ़ादे ।
कुबेर गिरे को पुन: उठा दे ॥

कुबेर भाग्य को तुरंत जगा दे ।
कुबेर भूले को राह बता दे ॥

प्यासे की प्यास कुबेर बुझा दे ।
भूखे की भूख कुबेर मिटा दे ॥

रोगी का रोग कुबेर घटा दे ।
दुखिया का दुख कुबेर छुटा दे ॥

बांझ की गोद कुबेर भरा दे ।
कारोबार को कुबेर बढ़ा दे ॥

कारागार से कुबेर छुड़ा दे ।
चोर ठगों से कुबेर बचा दे ॥

कोर्ट केस में कुबेर जितावै ।
जो कुबेर को मन में ध्यावै ॥

चुनाव में जीत कुबेर करावैं ।
मंत्री पद पर कुबेर बिठावैं ॥

पाठ करे जो नित मन लाई ।
उसकी कला हो सदा सवाई ॥

जिसपे प्रसन्न कुबेर की माई ।
उसका जीवन चले सुखदाई ॥

जो कुबेर का पाठ करावै ।
उसका बेड़ा पार लगावै ॥

उजड़े घर को पुन: बसावै ।
शत्रु को भी मित्र बनावै ॥

सहस्त्र पुस्तक जो दान कराई ।
सब सुख भोद पदार्थ पाई ॥

प्राण त्याग कर स्वर्ग में जाई ।
मानस परिवार कुबेर कीर्ति गाई ॥

॥ दोहा ॥

शिव भक्तों में अग्रणी, श्री यक्षराज कुबेर ।
हृदय में ज्ञान प्रकाश भर, कर दो दूर अंधेर ॥

कर दो दूर अंधेर अब, जरा करो ना देर ।
शरण पड़ा हूं आपकी, दया की दृष्टि फेर ।

॥ इति श्री कुबेर चालीसा समाप्त ॥

Shree Kuber Chalisa in English

॥ Doha ॥

Jaise Atal Himalay Aur Jaise Adig Sumer ।
Aise Hi Swarg Dwar Pai,Avichal Khade Kuber ॥
Vighn Haran Mangal Karan, Suno Sharanagat Ki Ter ।
Bhakt Hetu Vitaran Karo, Dhan Maya Ki Dher ॥

॥ Chaupai ॥

Jai Jai Jai Shri Kuber Bhandari ।
Dhan Maya Ke Tum Adhikari ॥

Tap Tej Punj Nirbhay Bhay Hari ।
Pavan Veg Sam Sam Tanu Baladhari ॥

Swarg Dwar Ki Karein Pahare Dari ।
Sevak Indra Dev Ke Agyakari ॥

Yaksha Yakshani Ki Hai Sena Bhari ।
Senapati Bane Yuddh Me Dhanudhari ॥

Maha Yoddha Ban Shastr Dharain ।
Yuddh Karain Shatru Marain ॥

Sada Vijayi Kabhi Na Harain ।
Bhagat Jano Ke Sankat Tarain ॥

Prapitamah Hain Swayam Vidhata ।
Pulist Vansh Ke Janm Vikhyata ॥

Vishrava Pita Idavida Ji Mata ।
Vibhishan Bhagat Apake Bhrata ॥

Shiv Charano Me Jab Dhyan Lagaya ।
Ghor Tapasya Kari Tan Sukhaya ॥

Shiv Varadan Mile Devaty Paya ।
Amrit Pan Kari Amar Kaya ॥

Dharm Dhwaja Sada Liye Hath Me ।
Devi Devata Sab Phirain Sath Me ॥

Pitambar Vastra Pahane Gath Me ॥
Bal Shakti Poori Yaksha Jat Me ॥

Swarn SInhasan Ap Virajain ।
Trishul Gada Hath Me Sajain ॥

Shankh Mridang Nagare Bajain।
Gandharv Rag Madhur Gajain ॥

Chausath Yogani Mangal Gavain ।
Riddhi Siddhi Nit Bhog Lagavain ॥

Das Dasini Sir Chhatra Phiravain ।
Yaksha Yakshani Mol Chanvar Dhulavain ॥

Rishiyom Me Jaise Parashuram Bali Hain ।
Devanh Me Jaise Hanuman Bali Hain ॥

Purusho Me Jaise Bhim Bali Hain ।
Yaksho Me Aise Hi Kuber Bali Hain ॥

Bhagato Me Jaise Prahlad Bade hain ।
Pakshiyo Me Jaise Garud Bade hain ॥

Nagon Me Jaise Shesh Bade hain ।
Vaise Hi Bhagat Kuber Bade hain ॥

Kandhe Dhanush Hath Me BHala ।
Gale Phoolon Ki Pahani Mala ॥

Swarn Mukut Aru Deh Vishala ।
Door Door Tak Hoye Ujala ॥

Kuber Dec Ko Jo Man Dhare ।
Sada Vijayi Ho Kabhi Na Hare ॥

Bigade Kam Bane Jaye Sare ।
Anna Dhan Ke Eahe Bhare Bhandare ॥

Kuber Garib Ko Ap Ubharain ।
Kuber Karj Ko shighra Utarain ॥

Kuber Bhagat Ke Sankat Tarain ।
Kuber Shatru Ko Kshan Me Marain ॥

Shighr Dhani Jo Hona Chahe ।
Kyun Nahi Yaksha Kuber Manaye ॥

Yah Path JO Padhe Padhaye ।
Din Dugana VYapar Badhaye ॥

Bhoot Prete Ko Kuber Bhagavain ।
Ade Kam Ko Kuber Banavain ॥

Rog Shok Ko Kuber Nashavain ।
Kalank Koodh Ko Kuber Hatavain ॥

Kuber Chadhe Ko Aur Chadha De ।
Kuber Gire Ko Punah Utha De ॥

Kuber Bhagya Ko Turant Jaga De ।
Kuber Bhule Ko Rah Bata De ॥

Pyase Ki Pyas Kuber Bujha De ।
Bhukhe Ki Bhukh Kuber Mita De ॥

Rogi Ka Rog Kuber Ghata De ।
Dukhiya Ka Dukh Kuber Chhuta De ॥

Banjh Ki God Kuber Bhara De ।
Karobar Ko Kuber Badha De ॥

Karagar Se Kuber Chhuda De ।
Chor Thago Se Kuber Bacha De ॥

Kort Kes Me Kuber Jitavai ।
Jo Kuber Ko Man Me Dhyavai ॥

Chunav Me Jit Kuber Karavain ।
Mantri Pad Par Kuber Bithavain ॥

Path Kare Jo Nit Man Lai ।
Uasaki Kala ho Sada Savai ॥

Jisape Prasann Kuber Ki Mai ।
Usaka Jivan Chale Sukhadai ॥

श्री कुबेर चालीसा (Shree Kuber Chalisa) Viedo

Credit : Spiritual Activity

समापन

श्री कुबेर चालीसा एक ऐसा माध्यम है जिसके माध्यम से हम आर्थिक समृद्धि की प्राप्ति के लिए भगवान कुबेर की आराधना करते हैं। यह चालीसा हमें धन, समृद्धि, और सकारात्मकता की प्राप्ति के मार्गदर्शन करती है, जो हमारे जीवन को सफल बनाने में मदद कर सकते हैं।

क्या श्री कुबेर चालीसा का वास्तविक में महत्व है?

जी हां, श्री कुबेर चालीसा आर्थिक समृद्धि की प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है।

चालीसा का पाठ कितनी बार करना चाहिए?

आमतौर पर, श्री कुबेर चालीसा का नियमित रूप से प्रतिदिन पाठ करना चाहिए।

क्या यह चालीसा केवल धन के लिए ही है?

नहीं, यह चालीसा धन के साथ-साथ आत्मविश्वास और सकारात्मकता की प्राप्ति में भी मदद करती है।

क्या श्री कुबेर चालीसा का पाठ केवल धन कमाने के लिए किया जा सकता है?

नहीं, चालीसा का पाठ आर्थिक समृद्धि के साथ-साथ आत्मविकास और सकारात्मकता की प्राप्ति के लिए भी किया जा सकता है।

क्या श्री कुबेर चालीसा कोई विशेष अवस्था में पाठ करनी चाहिए?

हां, आपको शांतिपूर्वक और ध्यान केंद्रित होकर चालीसा का पाठ करना चाहिए।

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