“खाटू श्याम” जिसे “श्री श्याम बाबा” भी कहा जाता है। खाटू श्याम चालीसा (Khatu Shyam Chalisa) एक प्रसिद्ध धार्मिक चालीसा है जिसमें भगवान श्याम की महिमा गाई गई है। खाटू श्याम चालीसा (Khatu Shyam Chalisa) का नियमित रूप से 40 दिनों तक पाठ करके आप अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। इस लेख में, हम खाटू श्याम चालीसा के बारे में चर्चा करेंगे।
Whatsapp Group |
Whatsapp Channel |
Telegram channel |
भारतीय संस्कृति में भगवान की भक्ति एक महत्वपूर्ण और अटूट अंग है। धर्म के विभिन्न रूपों में भगवान श्याम को भी उन्हें पूजने वाले लोग अपने जीवन के मार्गदर्शक और साथी मानते हैं। खाटू श्याम चालीसा उनकी आराधना का एक महत्वपूर्ण अंश है, जिसमें उनके गुणों, महिमा और दया का वर्णन है। खाटू श्याम चालीसा (Khatu Shyam Chalisa) को पढ़ने से जीवन की सभी कठिनाइयों का सामना करने की शक्ति मिलती है।
श्री खाटू श्याम चालीसा | Khatu Shyam Chalisa
॥ दोहा॥
श्री गुरु चरणन ध्यान धर,
सुमीर सच्चिदानंद ।
श्याम चालीसा भजत हूँ,
रच चौपाई छंद ।
॥ चौपाई ॥
श्याम-श्याम भजि बारंबारा।
सहज ही हो भवसागर पारा।
इन सम देव न दूजा कोई।
दिन दयालु न दाता होई।
भीम सुपुत्र अहिलावती जाया।
कही भीम का पौत्र कहलाया।
यह सब कथा कही कल्पांतर।
तनिक न मानो इसमें अंतर।
बर्बरीक विष्णु अवतारा।
भक्तन हेतु मनुज तन धारा।
वासुदेव देवकी प्यारे।
यशुमति मैया नंद दुलारे।
मधुसूदन गोपाल मुरारी।
वृजकिशोर गोवर्धन धारी।
सियाराम श्री हरि गोबिंदा।
दीनपाल श्री बाल मुकुंदा।
दामोदर रण छोड़ बिहारी।
नाथ द्वारिकाधीश खरारी।
राधावल्लभ रुक्मिणि कंता।
गोपी बल्लभ कंस हनंता।
मनमोहन चित चोर कहाए।
माखन चोरि-चारि कर खाए।
मुरलीधर यदुपति घनश्यामा।
कृष्ण पतित पावन अभिरामा।
मायापति लक्ष्मीपति ईशा।
पुरुषोत्तम केशव जगदीशा।
विश्वपति त्रिभुवन उजियारा।
दीनबंधु भक्तन रखवारा।
प्रभु का भेद कोई न पाया।
शेष महेश थके मुनियारा।
नारद शारद ऋषि योगिंदर।
श्याम-श्याम सब रटत निरंतर।
कवि कोविद करी सके न गिनंता।
नाम अपार अथाह अनंता।
हर सृष्टी हर युग में भाई।
ले अवतार भक्त सुखदाई।
ह्रदय माहि करि देखु विचारा।
श्याम भजे तो हो निस्तारा।
कीर पड़ावत गणिका तारी।
भीलनी की भक्ति बलिहारी।
सती अहिल्या गौतम नारी।
भई श्रापवश शिला दुलारी।
श्याम चरण रज चित लाई।
पहुंची पति लोक में जाही।
अजामिल अरु सदन कसाई।
नाम प्रताप परम गति पाई।
जाके श्याम नाम अधारा।
सुख लहहि दुःख दूर हो सारा।
श्याम सुलोचन है अति सुंदर।
मोर मुकुट सिर तन पीतांबर।
गल वैजयंति माल सुहाई।
छवि अनूप भक्तन मन भाई।
श्याम-श्याम सुमिरहु दिन-राती।
श्याम दुपहरि अरू परभाती।
श्याम सारथी जिसके रथ के।
रोड़े दूर होए उस पथ के।
श्याम भक्त न कहीं पर हारा।
भीर परि तब श्याम पुकारा।
रसना श्याम नाम रस पी ले।
जी ले श्याम नाम के हाले।
संसारी सुख भोग मिलेगा।
अंत श्याम सुख योग मिलेगा।
श्याम प्रभु हैं तन के काले।
मन के गोरे भोले-भाले।
श्याम संत भक्तन हितकारी।
रोग-दोष अघ नाशै भारी।
प्रेम सहित जे नाम पुकारा।
भक्त लगत श्याम को प्यारा।
खाटू में हैं मथुरा वासी।
पारब्रह्म पूर्ण अविनाशी।
सुधा तान भरि मुरली बजाई।
चहुं दिशि जहां सुनि पाई।
वृद्ध-बाल जेते नारी नर।
मुग्ध भये सुनि वंशी के स्वर।
दौड़ दौड़ पहुंचे सब जाई।
खाटू में जहां श्याम कन्हाई।
जिसने श्याम स्वरूप निहारा।
भव भय से पाया छुटकारा।
॥ दोहा ॥
श्याम सलोने संवारे,
बर्बरीक तनुधार।
इच्छा पूर्ण भक्त की,
करो न लाओ बार
॥ श्री खाटू श्याम चालीसा ॥
श्री खाटू श्याम चालीसा | Khatu Shyam Chalisa by Kumar Vishu Video
Album | Shree Khatu Shyam Chalisa |
Song | Shree Khatu Shyam Chalisa |
Singer | Kumar Vishu |
Music | Kumar Vishu |
Lyrics | Traditional |
Publisher | Shemaroo Bhakti |
Khatu Shyam Chalisa PDF
PDF Name | Khatu Shyam Chalisa PDF: (श्री खाटू श्याम चालीसा) |
No. of Pages | 5 |
PDF Size | 1.87MB |
Language | Hindi |
PDF Category | Chalisa |
यहां पर आपको श्री खाटू श्याम चालीसा की PDF मिलेगी, जिसे आप घर पर आराम से पढ़ सकते हो, इसको डाउनलोड करने के लिये आपको नीचे दिये गए डाउनलोड बटन पे क्लिक करे
जय श्री श्याम
श्री खाटू श्याम जी का मंत्र क्या है?
श्री खाटू श्याम जी के कई मंत्र हैं। यहां एक प्रसिद्ध मंत्र दिया गया है जो खाटू श्याम जी के भक्तों द्वारा जाप किया जाता है
“ॐ श्री श्याम देवाय नमः” (Om Shri Shyam Devaya Namah)
श्री खाटू श्याम जी का असली नाम क्या था?
श्री खाटू श्याम जी का असली नाम “बर्बरीक” था।
श्री खाटू श्याम जी कौन देवता है?
खाटू श्याम जी को “खाटू श्याम” या “खाटू बाबा” के नाम से जाना जाता है। वे भगवान कृष्ण के अवतार माने जाते हैं। खाटू श्याम जी का मंदिर राजस्थान के सीकर जिले में स्थित है।
Read Also- यह भी जानें
- माँ काली चालीसा PDF: नवरात्रि के अवसर पर डाउनलोड करें
- श्री कुबेर चालीसा
- चिंतपूर्णी चालीसा
- श्री शनिदेव चालीसा
- श्री काल भैरव चालीसा
- मां लक्ष्मी चालीसा का पाठ
- मां विंध्यवासिनी चालीसा